देश का पहला नेशनल वाटर वे को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के द्वारा मंजूरी दे दी गई है और इसके साथ ही प्रयागराज से लेकर हल्दिया तक भागलपुर होते हुए वर्ष 2023 तक परिचालन शुरू करने का लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया गया है. इतना ही मंजूरी के साथ ही भागलपुर के लिए कई नई उम्मीदें जग गई हैं.
भागलपुर में इस जलमार्ग का टर्मिनल है. इस टर्मिनल पर मालवाहक कार्गो जहाजों को हर तरीके की तकनीकी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और यहीं पर टेक्निकल स्टाफ ग्राउंड स्टाफ के तौर पर तैनात होंगे. भागलपुर के इस टर्मिनल पर कार्गो जहाज से माल लोड और लोड होगा. यहां पर दर्जनों की संख्या में ट्रक और अन्य मालवाहक गाड़ियां तैनात रहेंगी और इससे कारोबार और बिजनेस को नया आयाम मिलेगा.
एकदम भागलपुर में नहीं होगा इस चैनल का बड़ा फायदा.
भागलपुर में गंगा जी दो धाराओं में बटी हुई हैं, एक धारा जो शहर के किनारे किनारे होकर जाता है जिस पर बरारी घाट, एसएम कॉलेज इत्यादि मौजूद है. अक्सर इस धारा में पानी उतना नहीं रहता जितना कि एक मालवाहक जहाज के लिए आवश्यक होता है अतः संचालन भागलपुर के गंगा नदी के दूसरे धारा में होगा जहां पानी अक्सर पर्याप्त रहता है.
भागलपुर में बनने वाले इस टर्मिनल के कारण कई सामानों का आयात निर्यात और आसान हो जाएगा और साथ ही साथ यहां पर बिजनेस को लेकर नया आयाम भी मिलेगा. वही विक्रमशिला सेतु जब तक चौड़ीकरण परियोजना के अंतर्गत नया समानांतर पुल पूरा नहीं कर लेता है तब तक हो सकता है विक्रमशिला सेतु पर जाम की समस्या आम रहे.